एही मुरारे
Ehi Murare
एही मुरारे कुंजबिहारी
एही प्रनता जना बँधो,
हे माधव मधु मथना वरेण्य
रासा निकुंजे गुंजति नियतं
ब्रहमरस्ताम किला कांता,
एही निभृता पथ पांथा
त्वमिहायाचे दरसना दानं,
हे मधुसूदन शांता ||
नव नीरज धर स्यामला सुंदर
चन्द्र कुसुमा रुचिवेशा,
गोपीगण ह्रदयेश,
गोवर्धन धरा वृन्दावनचर
वंशीधर परमेषा |
राधा रंजना कंसा निशोदन
प्रनतिस्तावक चरणे,
निखिला निराश्रया शरणे,
एही जनार्दन पीताम्बरा धरा
कुंजे मंथर पवने ||
एही मुरारे कुंजबिहारी
एही प्रनता जना बँधो,
हे माधव मधु मथना वरेण्य
केशव करुणा सिन्धो |
|| जय श्री कृष्ण ||
| कृष्णम वन्दे जगदगुरुम |
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