ऋण मुक्ति के उपाय
सर्व-सिद्धि-बीसा-यंत्र धारण करने से जातक को सफलता मिलती है ।
मंगलवार को शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर मसूर की दाल "ॐ ऋण-मुक्तेश्वर महादेवाय नमः" मंत्र का जाप करते हुए चढ़ाने से जातक को ऋण से छुटकारा मिलता हैं !
भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के सम्मुख 7 बार, 21 बार या अधिक से अधिक ऋग्वेद के इस प्रसिद्ध मन्त्र का जप करें-
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मादभ्रं भूर्या भर । भूरि धेदिन्द्र दित्ससि । ॐ भूरि दाह्यसि श्रुतः पुरुजा शूर वृत्रहन् । आ नो भजस्व राधसि ।
( इस मन्त्र का जाप करने से जातक को ऋण मुक्ति मिलती हैं !)
सूर्योदय से पूर्व "गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र" का नित्य एक पाठ करना चाहिए । यह ऋण मुक्ति का बहुत अच्छा प्रभावशाली स्तोत्र हैं उसके "नारायण कवच" का पाठ किया जाये तो अधिक श्रेयष्कर होगा । ऐसा करने से जातक का ऋण उतर जाता हैं !
ऋण मुक्ति के लिए जातक को प्रदोष व्रत करने चाहिए और उस दिन भगवान शिव का पूजन करना चाहिए ! और दरिद्रता नाशक स्तोत्र का पाठ करें !
कर्ज से संबधित किसी भी कार्य के लिए जातक को शहद खाकर निकलना चाहिए ।
जातक को लाल वस्त्र पहनें या अपने साथ लाल रूमाल साथ में रखना चाहिए ।
ऋण मुक्ति के जातक को मंगलवार और शनिवार के दिन भगवान श्री हनुमान को सिन्दूर चढ़ाना चाहिए ।
रोजाना जातक को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए ।
ऋण मुक्ति के जातक को रोजाना भोजन में गुड़ का उपयोग करना चाहिए ।
सोमवार के दिन एक रूमाल, 5 गुलाब के फूल, 1 चांदी का पत्ता, थोड़े से चावल तथा थोड़ा सा गुड़ लें। फिर श्री विष्णुलक्ष्मी जी मंदिर में जाकर उनके सामने रुमाल रखकर शेष वस्तुओं को हाथ में लेकर 21 बार गायत्री मंत्र का पाठ करते हुए बारी-बारी इन वस्तुओं को रुमाल में रखते जाए फिर इन्हें इकट्ठा करके कहे की मेरा कर्ज उतर जाए ! उसके बाद इन्हें बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें ऐसा आपको 7 सोमवार लगातार करना है ऐसा करने से आपका कर्ज उतरने लग जायेगा ।
सर्वप्रथम 5 लाल गुलाब के पूर्ण खिले हुए फूल लें। इसके पश्चात् डेढ़ मीटर सफेद कपड़ा ले कर अपने सामने बिछा लें। इन पांचों गुलाब के फुलों को उसमें, गायत्री मंत्र 21 बार पढ़ते हुए बांध दें। अब स्वयं जा कर इन्हें जल में प्रवाहित कर दें। भगवान ने चाहा तो जल्दी ही कर्ज से मुक्ति प्राप्त होगी।
कच्चे आटे की लोई में गुड भरकर बहते हुए जल में बहायें !
कमल गट्टे को पीस कर देशी घी की सफ़ेद बर्फी मिला कर 21 आहुति दें !
पीली कौड़ी और हर सिंगार की जड़ को रोली, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप से पूजन करके धारण करें, या अपने पास रखें तो जातक को ऋण से मुक्ति प्राप्त होने लगती हैं !
कमल की पंखुड़ियों में मंगलवार के दिन माता को मक्खन मिश्री का भोग लगाकर 48 लौंग और 6 कपूर की आहुति देने से ऋण से निजात मिलता हैं !
केले के पेड़ की जड़ में रोली, चावल, फूल और जल अर्पित करें और नवमी वाले दिन केले के पेड़ की थोड़ी सी जड़ तिजोरी में रखें कर्ज से मुक्ति मिलेगी !
अथर्ववेद के छठवें कांड के 117, 118, 119 इन तीन सूक्तों का नियमित पाठ करने या करवाने से ऋण मुक्ति होती है ।
रोजाना हनुमान जी के सामने घी का दीपक जलाकर मुंगे की माला से दिए गये मंत्र की एक माला का जाप करने से ऋण मुक्ति होती हैं !
मंत्र :
"मंगलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रद । स्थिरासनो महाकाय: सर्वकामविरोधक: ।।"
अशोक का वृक्ष तथा नर - मादा केले का वृक्ष की नियमित पूजा करने और देखभाल करने से जातक ऋण मुक्ति होने लगता हैं ।
नित्य "ऋणमोचन अंगारक स्तोत्र" का पाठ करने से जातक का जल्दी ही कर्ज उतरने लगता हैं !
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